बहुत देखा इस जमाने को बदलते यारों
आज क्यूँ ना जमाने को हीं बदल जाएँ
राहें बहुत देखी चलते चलते हमने यारों
आज क्यूँ ना खुद का एक राह बनाएँ
कब तक रहें तक़दीर के भरोसे यारों
आज अपना खुदा हीं ना क्यूँ बदल जाएँ
आज क्यूँ ना जमाने को हीं बदल जाएँ
राहें बहुत देखी चलते चलते हमने यारों
आज क्यूँ ना खुद का एक राह बनाएँ
कब तक रहें तक़दीर के भरोसे यारों
आज अपना खुदा हीं ना क्यूँ बदल जाएँ