Wednesday 5 February 2014

बड़ा मुश्किल है दोबारा 

उन गलियोँ से गुजरना


बड़ा मुश्किल है दोबारा


उनको पलट के देखना


बड़ा मुश्किल है दोबारा


मेरे चाँद का शरमाना


बड़ा मुश्किल है दोबारा


दिल को चोट लगाना


बड़ा मुश्किल है दोबारा


अपनी आँखोँ को रुलाना


बड़ा मुश्किल है दोबारा


पर जो तेरा साथ मिला
तो.....
क्यूँ करती हो खुद को हीँ सजने से मना 

जब तुझको सँवारना चाहता है तेरा सजना


क्यूँ करती हो खुद हीँ दिल को मना


जब तुझको चाहना चाहता है तेरा सजना
देखा था रात तारोँ को आसमाँ को सजाते हुये

अपना चाँद भी सज रहा था शरमाते हुये


सुबह का सूरज दिखा आज अलसाते हुये


चाँद सीमटा बाँहोँ मेँ मेरे हमेँ निहारते हुये
jab khush houn to muskura dena

jab niraash hun to muskura dena


Jab thak jaun to muskura dena


jab haar jaun to muskura dena


jab chup rahun to muskura dena


jab baat karun to muskura dena


jab tadap jaun to muskura dena

bas muskura dena


bas muskura dena