Saturday 14 December 2013

बहुत खुबसूरत एक ख्याल आया है

मुस्काता हुआ वो आज मेरे सामने आया है


दिल मेँ सोये अरमान जग से गये हैँ


शायद वो मेरा साया बन आया है



जरा सी छुअन पर उसे खुद से सिमटता पाया है


बाँहोँ मेँ आकर वो मेरी आँखो से शरमाया है


सोचता हूँ जी भर के प्यार कर लूँ उसको


प्यार आज पूरे हौसले के साथ मेरे पास आया है

Thursday 12 December 2013

फटे पुराने कोट 

अंदर वाली जेब


एक श्वेत श्याम 


फोटो निकला 


रंगीन यादेँ 


ताजा हो गयीँ

Monday 9 December 2013

आँख दी तुने खुदा तो ये भी रोतीँ हैँ

जिँदा हूँ इसलिये दर्द भी होता है


मोहब्बत दी तो तबाही भी होती है


चेहरा ना दिखे उनका तो दिल भी तड़पता है


सब अपने फर्ज बखूबी अदा कर रहेँ हैँ


फिर भी खुदा तू ना जाने क्यूँ रुठा है
मेरे नजरोँ को भला कोई क्या पढ पाएगा

जो पढना भी चाहे तो बस धोखा हीँ खाएगा


दिल मेँ यूँ छुपा लिया है तुमने मेरे दर्द को


जमाना इन अश्कोँ की कीमत क्या जान पाएगा

Sunday 8 December 2013

हवाओँ का रुख कुछ यूँ है रविश
सपनोँ को भी अब पर लगने दो
वोट देकर सो मत जाना रविश
सोयी आँखोँ को हर पल जगने दो
देखना कोई राजा न बन जाए
खुद दिल को राजा अब बनने दो
नजर ना लगे किसी की नजर से
स्वतंत्रता अपनी ना अब खोने दो
सफर बड़ा सुहाना
यादोँ का फसाना
बस की रफतार
दो चार पड़ाव
एक पड़ाव पे वो भी आये
बैठ गये बगल मेँ हमारे
पुछने की क्या जरुरत थी
टिकट उनकी सीट उनकी
आधा चाँद हमारे साथ था
रात गुजर जाए आराम से
सोचते हुये आँख लग गयी
चाँद छुप गया
मेरा पड़ाव निकल गया
उनका पड़ाव मेरा पड़ाव
काली अँधेरी रात
बहुत दूर जाना है
मंजिल बहुत दूर
पर चलते जाना है
हाथ रखना थामे
दिल धड़कता रहे
साँसोँ का सहारा
देखो छुटने ना पाये
मंजिल मिल जाएगी
खुशियाँ लौट आएगी
कलियाँ मुसकाएगी
बहारेँ फिर आएगी
बिखरी जिँदगी को
थोड़ा सजाना है
मंजिल बहुत दूर
पर चलते जाना है
चाहत कुछ ऐसी है खुदा कि
किसी दोस्त का ना साथ छुटे
ना कोई दुश्मन गम मेँ डूबे
छोटी सी जिँदगी अपनी है 

कर्जोँ मेँ डूबी हुई 
हर किसी को फर्ज निभाने का हक मिले