Saturday 12 April 2014

अपने दिल मेँ बसी मोहब्बत की कीमत तब पता चली


जब वो बेवफा उसे बाजार मेँ निलाम करने चली


सोने के भाव बिका मेरा दिल बड़े शान से बाजार मेँ


जिसे वो काँच का टुकड़ा समझ तोड़ती हुई चली
सुकून था मेरे दिल को जब तक आपसे मुलाकात ना थी


रोया कई इतफाकोँ मेँ मेरे संग तब इसकी बेवफाई ना थी


अब जो तेरा हुआ इसका मिजाज कुछ बदला लगता है


शायद इसे किसी और के प्यार की कभी जरुरत ना थी
तुझको बड़ा करीब पाता हूँ अपने दिल के 


जब खामोशियाँ शोर करती हैँ बिना कुछ कहे


बस तेरे साथ हो जाता हूँ पूरे दिल से


जब दूरियाँ बढा करती हैँ तेरी मेरे दिल से
जब से जगा वक्त बदलते हीँ देखा


किस्मत को बदनाम होते हुये देखा


हवाओँ का रुख भी बदलते हीँ देखा


आसमान के रँगो को बदलते हीँ देखा


मौसम को अक्सर बदलते हीँ देखा


रिश्तोँ को सामने बदलते हीँ देखा


बस अपने मन को ना बदलते देखा


मन ने मुझे कभी ना बदलते देखा
Sharma ke mann heen mann mujhse lipat jati ho


aag lagni suru bhi na ho tum jaane kahan chali jati ho


Dard sa uthta hai tufaan dil mein jaane kyun


pyase honthon ko dariya kinare chor jati ho


Bahta rahta hun tumse mil jaane ko tadapta

dekhta hun kab tum mujhse mil paati ho
उसने कल हीं इकरार किया है अपनी मोहब्बत का 

जाने क्यों अपने कल से डर सा लगने लगा मुझे.................

Monday 7 April 2014

ये कैसी आवाज पड़ी कानोँ मेँ आज
सबकुछ थम सा गया सामने आज
सोच ना पाया मैँ क्या हुआ आज
आत्मा भी साथ छोड़ गयी आज
आये थे तुम मुझे विदा करने आज
मैँ यूँ चल पड़ा तुम्हारे साथ आज
कविता मेरी अब पूरी हो गयी आज
तुमने जो पकड़ा मेरा हाथ आज
चलता रहा कब से तेरे मैँ साथ
अकेली तुम नहीँ अब हो मेरे साथ 
मैँ तुम और तुम मैँ हो गये आज
रविश का मन जाने कहाँ आज
मैँ तुम और तुम मैँ हो गये आज
रविश का मन जाने कहाँ आज
कैसे हो जाऊँ एक पल भी तुमसे खफा ? 
तुम तो मेरी हर नवजीवन का प्रकाश हो । 
जब भी मुझे अँधेरे ने घेरा है , तुम्हारी रोशनी ने मुझे रास्ता दिखाया है ।
आज जो मैँ थोड़ा प्रकाशमान हूँ उसका सूर्य तो तुम्हीँ हो प्रिय ।
मेरे मन मेँ उठी मेरी आशा की किरण तुम हीँ हो । 
मेरे हर जीवन का आधार तुम हीँ हो । 
जग चाहे जो समझे मेरी हर धड़कन का अटूट हिस्सा तुम हीँ हो । 
कभी टूट जाऊँ तो समझ लेना कि मैँ नहीँ टूटा बल्कि तुम्हारी रोशनी थोड़ी कम हो गयी है । 

फिर माँग लेना मुझसे थोड़ी सी वो तुम्हारी रोशनी हाथोँ को फैलाये । 
आ जाऊँगा अपनी रोशनी के पास थोड़ा जीने तुम्हारे दिल मेँ ।
तुम्हारे हाथोँ से जलाया दिया आज देर तक जलता रहा 

हवाओँ का असर बेअसर करता देर तक जलता रहा 


कुछ तो बात थी तुम्हारी दिये मेँ जो बस जलता रहा


वरना मैँ हीँ क्यूँ तुम्हारी छुअन से अब तक जलता रहा
तेरी तस्वीर देख कर बस ख्यालों में डूब जाता हूँ 
तुम्हारी हर प्यारी बात को बस याद कर जाता हूँ 
तुम्हारी हर शिकायत पे मन हीं मन हँस जाता हूँ 
बड़े प्यार से उस तस्वीर को अपना बनाये जाता हूँ 

जब आते हो सामने मेरी आँखों के बिना कुछ बताये 
जाने क्यूँ तेरी उसी तस्वीर को कहाँ छिपाये जाता हूँ 
करते हो शिकायत कि मैं याद नहीं करता क्यूँ भला
हाथों में छिपाये तेरी तस्वीर को बस मुस्कुरा जाता हूँ
फना हो गये मेरे सारे रिश्ते अब तेरी बाँहोँ का पनाह है
अब कौन करेगा बर्बाद हमेँ जब ये जान तुझमेँ फना है

फना हो गये मेरे सारे रँग अब तेरी आँखोँ का पनाह है
अब कौन करेगा बर्बाद हमेँ जब ये नजर तुझमेँ फना है

फना हो गया मेरा दिल कब अब तेरी रुह का पनाह है
अब कौन करेगा बर्बाद हमेँ जब ये रुह तुझमेँ फना है
कल ख्यालोँ मेँ सोचा मैँने तुमको


कल ख्वाबोँ मेँ देखा मैँने तुमको


आज जो साथ बैठे देखा तुमको


आँखोँ ने प्यार किया बस तुमको


आज पल भर के लिये देखा तुमको


आज पल भर के लिये चाहा तुमको 


आज पल भर के लिये पाया तुमको


आज जीवन भर को पाया तुमको
चुनते गये राहोँ मेँ पत्थर एक आशियाना बनाने को


दिल भी पत्थर हो गया एक आशिकी बनाने को


तुमने जाने कहाँ से लाई मिट्टी अपने प्यार की


आज पत्थर भी तरस गये एक ताजमहल बनाने को
आज तुम्हारी बदौलत अपने घर दिया भी जल गया


रिश्ता मेरे मन तुमसे जाने कैसा अटूट जुड़ गया


दीये और मेरे ईश्वर के बीच तेरा चेहरा दिख गया


तुम रवि मेरे बन गये मेरा सर बस झुक गया
भूल जाऊँ तो याद दिला देना


रो जाऊँ तो जरा मुस्कुरा देना


खो जाऊँ तो खुद से मिलवा देना


कदम रुकेँ तो साथ चल देना


थक जाऊँ तो हाथ बढा देना


गलती हो तो थोड़ा डाँट देना


घबराऊँ तो हौसला बढा देना


और क्या कहूँ बस समझ लेना
सबकुछ लुटने के बाद पुछते हैँ हाल क्या है


चुप बैठना भी हमारा उनको गँवारा नहीँ


एक दिल दिया उनको प्यार करने वास्ते


उसका धड़कना भी उनको गँवारा नहीँ
Beti ke haath mein pooja ki thali, 

maa ke saath mandir jana, 

piche se bete ka dhup lekar daurrna,

pitaa ka yun hein sadak pe ghumna, 

rang birangi sarriyon mein maaon betiyon ka ghar se nikalna, 

pipal ke charon taraf haath jorre chakkar lagana, 

laut ke sabko prasad baatnaa, 

phir wo ladkon ka maidan mein khelna, 

naa jaane wo din kahan chale gae, 

kal jo beti vidaa hui, 

to aaj tak bahu ka raasta dekh raheen hein, 

meri maa ki aakhen, 

ek pooja ki thali aaj bi sajne ko tyaar hai, 

beti to nahin aa paaye, 

par bahu kahan hein,

maa baar baar ye sawal kartee hai,

beta agle saawan bahu jarur lana, 

pipal ki chaon mein jarur aanaa
zindagi haseen naa hoti to hum bhi uske deewane naa hote

tum naa hote saath to hum bhi khud se begaane naa hote
YE DIL TU BHI BEWAFA HUA

MERA CHORR KYUN USKA HUA

KAHTA THA DHARKTA HUN TERE LIYE


YAAD JO AAYI UNKI TO TUJHE KYA HUA


AB TO MERA JINA BAHUT MUSKIL HUA

TU JO MUJHE CHOR KE UNKA HUA
देख तेरी एक झलक मुस्कुरा जाता हूँ

जरा सा उनको अपना बना जाता हूँ


वक्त मिलने का बीत जाता जाने कब


दिल मेँ उनको बस बसा पाता हूँ

खुद का नहीँ पता क्या सुनूँ इस जहान की कहानियाँ


जिससे पूछुँ वो सुनाता जाता अपने दर्द की कहानियाँ


उन्हीँ दर्द का हिसाब लगाने बैठ जाता हूँ जब


अपनी भी बन जातीँ हैँ कुछ अधुरी सी कहानियाँ