वो कभी कभी मुसकुराते हैँ
वो कभी कभी खिसियाते हैँ
वो कभी कभी बतियाते हैँ
वो कभी कभी मुँह फुलाते हैँ
ऐसा नशा चढता है दिल पे
अब का बतायेँ अपना हाल
बस इतना समझ ल गुरु
पूरा आग लगा के जाते हैँ
उनके कभी कभी के चक्कर मेँ
हम सब कुछ भूला जाते हैँ
हम इतने बुरे बन जाते हैं
का बताएं बहुत दुखी हो जाते हैं
आँख से लोर टपकता जाता है
और वो मुह टेढ़ा कर बैठ जाते हैं
बहुत हम उनको मानते हैं
पर वो नहीं मान पाते हैं
नखरा इतना दिखाते हैं
हम समझ नहीं पाते हैं
कब हसें कब रोये हम
ये समझ नहीं पाते हैं
जब से मिलें हैं हमको
हमको अपना कुछ पता नहीं
वो हमको पागल बताते हैं
जब कहते हैं "आई लव यू"
"मालूम है" कह के टाल जाते हैं
हम का कहें दिल का हाल आपसे
मन हीं मन मुस्कुरा जाते हैं
पर ये अदा उनकी जाती नहीं
वो कभी कभी मुसकुराते हैँ
वो कभी कभी खिसियाते हैँ
वो कभी कभी बतियाते हैँ
वो कभी कभी मुँह फुलाते हैँ
वो कभी कभी खिसियाते हैँ
वो कभी कभी बतियाते हैँ
वो कभी कभी मुँह फुलाते हैँ
ऐसा नशा चढता है दिल पे
अब का बतायेँ अपना हाल
बस इतना समझ ल गुरु
पूरा आग लगा के जाते हैँ
उनके कभी कभी के चक्कर मेँ
हम सब कुछ भूला जाते हैँ
हम इतने बुरे बन जाते हैं
का बताएं बहुत दुखी हो जाते हैं
आँख से लोर टपकता जाता है
और वो मुह टेढ़ा कर बैठ जाते हैं
बहुत हम उनको मानते हैं
पर वो नहीं मान पाते हैं
नखरा इतना दिखाते हैं
हम समझ नहीं पाते हैं
कब हसें कब रोये हम
ये समझ नहीं पाते हैं
जब से मिलें हैं हमको
हमको अपना कुछ पता नहीं
वो हमको पागल बताते हैं
जब कहते हैं "आई लव यू"
"मालूम है" कह के टाल जाते हैं
हम का कहें दिल का हाल आपसे
मन हीं मन मुस्कुरा जाते हैं
पर ये अदा उनकी जाती नहीं
वो कभी कभी मुसकुराते हैँ
वो कभी कभी खिसियाते हैँ
वो कभी कभी बतियाते हैँ
वो कभी कभी मुँह फुलाते हैँ