तड़पते हुये उठा कल पर तुम ना आये
रोता हुआ बिता कल पर तुम ना आये
अकेला रहा दिल कल पर तुम ना आये
चेहरे कई खिले कल पर तुम ना आये
रोशन जहाँ था कल पर तुम ना आये
आँखेँ थक गयी कल पर तुम ना आये
शरीर मरा
दिय मरा
मेरी रुह मरी
पर तुम ना आये
पर तुम ना आये
रोता हुआ बिता कल पर तुम ना आये
अकेला रहा दिल कल पर तुम ना आये
चेहरे कई खिले कल पर तुम ना आये
रोशन जहाँ था कल पर तुम ना आये
आँखेँ थक गयी कल पर तुम ना आये
शरीर मरा
दिय मरा
मेरी रुह मरी
पर तुम ना आये
पर तुम ना आये
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