Wednesday 14 May 2014

रात अकेली मेरी थकान भी अब अकेली मेरी


कब तक जागूँ नम आँखेँ भी अब अकेली मेरी


चलते हैँ अब सो जाते हैँ नीँद भी है अकेली मेरी


कल की जिँदगी से लड़ाई है अब अकेली मेरी

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