Friday 8 August 2014

अलसाई सी अँगड़ाई लेती सुबह
बादलोँ की ओट मेँ छिपता सूरज
चाय का गर्म प्याला आ गया हाथोँ मेँ
तुम भी बैठ गये लेकर प्याला हाथोँ मेँ
चाय के प्याले की गरमाहट हाथोँ मेँ
पूजा की थाली हमारी माँ की हाथोँ मेँ
समाचार पढते बाबूजी पेपर हाथोँ मेँ
स्कूल का भारी बस्ता बच्चोँ के हाथोँ मेँ
चलो घर की खुशियाँ लेके आएं हाथोँ मेँ

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