Monday 18 November 2013

बंदर पेड़ोँ पे उछल रहे हैँ
कुत्ते जी भर के भौँक रहे हैँ
चिड़िया मस्ती मेँ गा रही है
बिल्ली आपके छत आ रही है
आप पार्क मेँ घूम जा रहे हैँ
हनुमान चालीसा सुने जा रहे हैँ
मन हीँ मन मेँ डरे जा रहे हैँ
ट्रेक सूट जुते पहन घुमे जा रहे हैँ
भविष्य की चिन्ता मेँ डुबे जा रहे हैँ
घर पहुँचिये जनाब
बंदर आपके छत नाच रहे हैँ
कुत्तोँ ने बाग गंदा कर दिया
चिड़िया कुर्सी बीट कर गयी
बिल्ली किचन मेँ दूध पी गयी
आप घुमेँ डरेँ चिन्ता करेँ
आप इंसान हैँ

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