लोग पुछते हैँ हाल तो बेहाल हो जाते हैँ
शायरी अर्ज करता हूँ तो घायल हो जाते हैँ
फौलाद सा जिगर लेके जाता बाजार जब भी
गम की दुकानोँ मेँ सामान कम पड़ जाते हैँ
शायरी अर्ज करता हूँ तो घायल हो जाते हैँ
फौलाद सा जिगर लेके जाता बाजार जब भी
गम की दुकानोँ मेँ सामान कम पड़ जाते हैँ
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