हवाओँ का रुख कुछ यूँ है रविश
सपनोँ को भी अब पर लगने दो
वोट देकर सो मत जाना रविश
सोयी आँखोँ को हर पल जगने दो
देखना कोई राजा न बन जाए
खुद दिल को राजा अब बनने दो
नजर ना लगे किसी की नजर से
स्वतंत्रता अपनी ना अब खोने दो
सपनोँ को भी अब पर लगने दो
वोट देकर सो मत जाना रविश
सोयी आँखोँ को हर पल जगने दो
देखना कोई राजा न बन जाए
खुद दिल को राजा अब बनने दो
नजर ना लगे किसी की नजर से
स्वतंत्रता अपनी ना अब खोने दो
No comments:
Post a Comment