Sunday 8 December 2013

हवाओँ का रुख कुछ यूँ है रविश
सपनोँ को भी अब पर लगने दो
वोट देकर सो मत जाना रविश
सोयी आँखोँ को हर पल जगने दो
देखना कोई राजा न बन जाए
खुद दिल को राजा अब बनने दो
नजर ना लगे किसी की नजर से
स्वतंत्रता अपनी ना अब खोने दो

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