पल भर प्यार के मोहताज रिश्तोँ को हमने बिखरते देखा है
आज उन्हीँ रिश्तोँ को सिक्कोँ की खनखन पे हँसते देखा है
तुम कहते थे जिनको मेरा ना हो सकता है वो कभी टुकड़ा
उसी टुकड़े को आज हमने खुद से जुड़ते देखा है
आज उन्हीँ रिश्तोँ को सिक्कोँ की खनखन पे हँसते देखा है
तुम कहते थे जिनको मेरा ना हो सकता है वो कभी टुकड़ा
उसी टुकड़े को आज हमने खुद से जुड़ते देखा है
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