Friday 14 March 2014

जुदा जुदा तेरी मेरी राहें हीं सही
इंतज़ार तो तुम्हें भी होगा ना
अपनी मंजिल का ?

तो आ जाना किसी दिन मेरे साथ
बैठ जाना मेरे संग साँसों की गाडी में
चल पड़ेंगे तेरी मंजिल की ओर
अपनी मंजिल मान के ....................

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