चाय नहीं पिलाता है पर कप धोने जाता है
जाने वो किसको क्या कैसे पिलाता है
ऐसा क्यों होता है मुझे समझ ना आता है
जाने वो क्यों बार बार धोने जाता है
जब भी आऊँ तुम्हारे घर मन खिल जाता है
अपने हाथों से चाय बनाने का मजा आता है
अकेले मेरा मन क्यों नहीं लग पाता है
तुम्हारे चेहरे को याद कर रो रो जाता है
पर एक बात मेरे दिमाग में सेट नहीं हो पाता है
चाय नहीं पिलाता है पर कप धोने जाता है
जाने वो किसको क्या कैसे पिलाता है
ऐसा क्यों होता है मुझे समझ ना आता है
जाने वो क्यों बार बार धोने जाता है
जाने वो किसको क्या कैसे पिलाता है
ऐसा क्यों होता है मुझे समझ ना आता है
जाने वो क्यों बार बार धोने जाता है
जब भी आऊँ तुम्हारे घर मन खिल जाता है
अपने हाथों से चाय बनाने का मजा आता है
अकेले मेरा मन क्यों नहीं लग पाता है
तुम्हारे चेहरे को याद कर रो रो जाता है
पर एक बात मेरे दिमाग में सेट नहीं हो पाता है
चाय नहीं पिलाता है पर कप धोने जाता है
जाने वो किसको क्या कैसे पिलाता है
ऐसा क्यों होता है मुझे समझ ना आता है
जाने वो क्यों बार बार धोने जाता है
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