बस एक ख्याल दिल से निकाल नहीँ पाता हूँ
तुमको एक पल के लिये भूल नहीँ पाता हूँ
साथ रहने की कसम खायी थी कल हमने
तुमको तो तब से खुद मेँ हँसता हीँ पाता हूँ
उदासी के अपने बादल बड़े नासमझ हैँ
खुशियोँ की धीमी सी बारिश शुरु है
जमीन से आसमाँ तक तुम्हेँ पाता हूँ
तुमको तो तब से खुद मेँ हँसता हीँ पाता हूँ
तुमको एक पल के लिये भूल नहीँ पाता हूँ
साथ रहने की कसम खायी थी कल हमने
तुमको तो तब से खुद मेँ हँसता हीँ पाता हूँ
उदासी के अपने बादल बड़े नासमझ हैँ
खुशियोँ की धीमी सी बारिश शुरु है
जमीन से आसमाँ तक तुम्हेँ पाता हूँ
तुमको तो तब से खुद मेँ हँसता हीँ पाता हूँ
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