Monday 28 April 2014

यादोँ के सफर को यूँ तय किया हमने


गम को छिपा दुनिया से कदम बढाये हमने


खुशियोँ के पड़ाव पर हँसा किया हमने


मंजिल तेरे दिल की बस पा लिया हमने


अब थक गये हैँ शायद पैर जो चलते मेरे


सर तेरे आँचल मेँ रख चैन पाया हमने


एक और सफर हमसफर संग चलना है हमने

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