वक्त भी कम पड़ जाता है
दिल भी नहीँ भर पाता है
मुलाकात शुरु होती नहीँ
सारा शहर जल जाता है
दोस्त पूछते तेरे बारे मेँ
तो खामोश हीँ रहता हूँ
पर जाने कैसे दुश्मनोँ
को सब पता चल जाता है
दिल भी नहीँ भर पाता है
मुलाकात शुरु होती नहीँ
सारा शहर जल जाता है
दोस्त पूछते तेरे बारे मेँ
तो खामोश हीँ रहता हूँ
पर जाने कैसे दुश्मनोँ
को सब पता चल जाता है