मरना नहीँ अब जीना है हमेँ
दुनिया के रश्मोँ मेँ उलझे
कुर्बान होते मन के सपने
रात भर हम रहते तड़पते
दिन के उजाले मेँ भटकते
आँखो से बस रोते रहते
जुबान को खामोश रखते
हाथोँ की बस ताकत खोते
पल पल मरना अब नहीँ हमेँ
मरना नहीँ अब जीना है हमेँ
दुनिया के रश्मोँ मेँ उलझे
कुर्बान होते मन के सपने
रात भर हम रहते तड़पते
दिन के उजाले मेँ भटकते
आँखो से बस रोते रहते
जुबान को खामोश रखते
हाथोँ की बस ताकत खोते
पल पल मरना अब नहीँ हमेँ
मरना नहीँ अब जीना है हमेँ
No comments:
Post a Comment