Tuesday 24 December 2013

ख्वाब को पनाह मिली अश्कोँ मेँ

रात तेरे दहलीज पर रोते रहे


आँखे ना खुलती हैँ नादान दिल


तेरी रुह ने पनाह ली अश्कोँ मेँ

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