रविश चंद्र "भारद्वाज"
Saturday 28 December 2013
जिँदगी की शर्तेँ कम थीँ क्या जो मोहब्बत की बात करने लगे
मजबूरियाँ कम थी क्या जो उसे निभाने की बात करने लगे
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment