हर शाम गुजर जाती अधूरी मेरी
हर सुबह में अधूरापन रहता है
क्या करूं दिन और रात की बात
हर सांस में अधूरापन रहता है
हर मंजिल है आज अधूरी मेरी
हर राह में अधूरापन रहता है
कितने भी पास चले आऊँ तुम्हारे
मिलने में अधूरापन रहता है
हर कविता है आज अधूरी मेरी
हर बात में अधूरापन रहता है
कितनी भी मेरी अच्छी किस्मत
हर ख़ुशी में अधूरापन रहता है
हर शाम गुजर जाती अधूरी मेरी
हर सुबह में अधूरापन रहता है
-------- रविश चन्द्र "भारद्वाज"
हर सुबह में अधूरापन रहता है
क्या करूं दिन और रात की बात
हर सांस में अधूरापन रहता है
हर मंजिल है आज अधूरी मेरी
हर राह में अधूरापन रहता है
कितने भी पास चले आऊँ तुम्हारे
मिलने में अधूरापन रहता है
हर कविता है आज अधूरी मेरी
हर बात में अधूरापन रहता है
कितनी भी मेरी अच्छी किस्मत
हर ख़ुशी में अधूरापन रहता है
हर शाम गुजर जाती अधूरी मेरी
हर सुबह में अधूरापन रहता है
-------- रविश चन्द्र "भारद्वाज"
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