सुकून था मेरे दिल को जब तक आपसे मुलाकात ना थी
रोया कई इतफाकोँ मेँ मेरे संग तब इसकी बेवफाई ना थी
अब जो तेरा हुआ इसका मिजाज कुछ बदला लगता है
शायद इसे किसी और के प्यार की कभी जरुरत ना थी
रोया कई इतफाकोँ मेँ मेरे संग तब इसकी बेवफाई ना थी
अब जो तेरा हुआ इसका मिजाज कुछ बदला लगता है
शायद इसे किसी और के प्यार की कभी जरुरत ना थी
No comments:
Post a Comment