चुनते गये राहोँ मेँ पत्थर एक आशियाना बनाने को
दिल भी पत्थर हो गया एक आशिकी बनाने को
तुमने जाने कहाँ से लाई मिट्टी अपने प्यार की
आज पत्थर भी तरस गये एक ताजमहल बनाने को
दिल भी पत्थर हो गया एक आशिकी बनाने को
तुमने जाने कहाँ से लाई मिट्टी अपने प्यार की
आज पत्थर भी तरस गये एक ताजमहल बनाने को
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