तेरी तस्वीर देख कर बस ख्यालों में डूब जाता हूँ
तुम्हारी हर प्यारी बात को बस याद कर जाता हूँ
तुम्हारी हर शिकायत पे मन हीं मन हँस जाता हूँ
बड़े प्यार से उस तस्वीर को अपना बनाये जाता हूँ
जब आते हो सामने मेरी आँखों के बिना कुछ बताये
जाने क्यूँ तेरी उसी तस्वीर को कहाँ छिपाये जाता हूँ
करते हो शिकायत कि मैं याद नहीं करता क्यूँ भला
हाथों में छिपाये तेरी तस्वीर को बस मुस्कुरा जाता हूँ
तुम्हारी हर प्यारी बात को बस याद कर जाता हूँ
तुम्हारी हर शिकायत पे मन हीं मन हँस जाता हूँ
बड़े प्यार से उस तस्वीर को अपना बनाये जाता हूँ
जब आते हो सामने मेरी आँखों के बिना कुछ बताये
जाने क्यूँ तेरी उसी तस्वीर को कहाँ छिपाये जाता हूँ
करते हो शिकायत कि मैं याद नहीं करता क्यूँ भला
हाथों में छिपाये तेरी तस्वीर को बस मुस्कुरा जाता हूँ
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