क्या शहर बनाया तूने सुन खुदा के बंदे
कुत्तोँ को भी यहाँ पनाह नहीँ मिलती
हर पल कुचला जाता यहाँ एक कुत्ता
गाड़ियोँ की भीड़ से घबराया हर कुत्ता
तेरे घर के सीढियोँ मेँ छिपा हर कुत्ता
पार्क जाकर राहत की साँस लेता कुत्ता
कुचला गया मेरे पैरोँ तले एक कुत्ता
किस्मत अपनी जगा गया वो एक कुत्ता
मैँने गाड़ी मेँ बैठाया डरा सा वो कुत्ता
अब मेरे घर पर रहता है वो कुत्ता
दूध बिस्कुट खाता रोज है वो कुत्ता
ठाठ से मेरे संग टीवी देखता कुत्ता
सोचता हूँ देख के वो मेरा पालतू कत्ता
आँखो से वही सवाल पुछता वो कुत्ता....
क्या शहर बनाया तूने सुन खुदा के बंदे
कुत्तोँ को भी यहाँ पनाह नहीँ मिलती
कुत्तोँ को भी यहाँ पनाह नहीँ मिलती
हर पल कुचला जाता यहाँ एक कुत्ता
गाड़ियोँ की भीड़ से घबराया हर कुत्ता
तेरे घर के सीढियोँ मेँ छिपा हर कुत्ता
पार्क जाकर राहत की साँस लेता कुत्ता
कुचला गया मेरे पैरोँ तले एक कुत्ता
किस्मत अपनी जगा गया वो एक कुत्ता
मैँने गाड़ी मेँ बैठाया डरा सा वो कुत्ता
अब मेरे घर पर रहता है वो कुत्ता
दूध बिस्कुट खाता रोज है वो कुत्ता
ठाठ से मेरे संग टीवी देखता कुत्ता
सोचता हूँ देख के वो मेरा पालतू कत्ता
आँखो से वही सवाल पुछता वो कुत्ता....
क्या शहर बनाया तूने सुन खुदा के बंदे
कुत्तोँ को भी यहाँ पनाह नहीँ मिलती
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