गोल गोल गप्पे सजे थे ठेल
गोल गोल गाल पहुँचे ठेल
एक ने बढाया अपना हाथ
कमल फूल लगाए बालोँ मेँ
झाडू लिये अपने हाथ मेँ
हाथी सा था बदन उनका
साईकिल पर बच्चे साथ
लालटेन जल रहा तेल का
सबके पास मुद्दे हीँ मुद्दे थे
गोल गप्पे सारे थे हैरान
गोल गप्पे सारे थे हैरान
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