Monday 25 November 2013

दिल को बहुत रगड़ा खैनी मेँ चुने की तरह हमने

बेपनाह मोहब्बत एक बीड़ी के फूँक मेँ फना हुयी


थर्रा की बोतल पे नजर मत डाल ऐ जालिम सुन


वो तो मौत के पहले गंगाजल की जगह रखा है

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