रविश चंद्र "भारद्वाज"
Monday 21 October 2013
प्यार करने तो आता नहीँ धमकी से क्या उखाड़ लोगी
खुद तो डुबी हो मस्ती मेँ
हमको तुम कैसे सुधार लोगी
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