रविश चंद्र "भारद्वाज"
Monday 21 October 2013
ख्वाबोँ मेँ हकीकत नहीँ मिलती है
किनारे पे कभी ना मोती मिलता है
बैठे हो आसमां तले जमीन पर
हीरा यारोँ उसकी गहराई मेँ मिलता है
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment