खड़े जब हों आप प्रेयर ग्राउंड में सर खुद अपना ऊँचा हो जाता था
देखकर आपको बस मन सबका आप जैसा होने को हो जाता था
आपके ऑफिस में आने के पहले की जाती थी सारी तयारी
पर जाने क्यूँ आपको देखतें हीं दिमाग सब कुछ भूल जाता था
आपके राउंड की खबर से बच्चा दिल बड़ा हीं घबरा जाता था
स्कूल बैग से किताब खुद निकल कर डेस्क पे आ जाता था
आज आपका हाथ छूट गया है हम बच्चों को रोना बस आता है
पर आपकी छवि को भाई बहनो में देख सीना चौड़ा हो जाता है
कोई नहीं देखता अब नीचे बस आसमान को छूने का जस्बा है
सारी तैयारियों के साथ ज़िन्दगी में आगे बढ़ने का जस्बा है
कुछ भी भूल नहीं पाने की अब कसम खाने कि इच्छा है
बच्चा दिल अब किसी भी मुश्किल से घबराता नहीं है
जीवन की किताब से हर दिन कुछ सिखने का जस्बा है
हाथ तो छूट गया आपका पर साथ कभी ना छूटेगा सर
हर स्टूडेंट्स में रवीश को नज़र आतें हैं आप मुडावल सर
देखकर आपको बस मन सबका आप जैसा होने को हो जाता था
आपके ऑफिस में आने के पहले की जाती थी सारी तयारी
पर जाने क्यूँ आपको देखतें हीं दिमाग सब कुछ भूल जाता था
आपके राउंड की खबर से बच्चा दिल बड़ा हीं घबरा जाता था
स्कूल बैग से किताब खुद निकल कर डेस्क पे आ जाता था
आज आपका हाथ छूट गया है हम बच्चों को रोना बस आता है
पर आपकी छवि को भाई बहनो में देख सीना चौड़ा हो जाता है
कोई नहीं देखता अब नीचे बस आसमान को छूने का जस्बा है
सारी तैयारियों के साथ ज़िन्दगी में आगे बढ़ने का जस्बा है
कुछ भी भूल नहीं पाने की अब कसम खाने कि इच्छा है
बच्चा दिल अब किसी भी मुश्किल से घबराता नहीं है
जीवन की किताब से हर दिन कुछ सिखने का जस्बा है
हाथ तो छूट गया आपका पर साथ कभी ना छूटेगा सर
हर स्टूडेंट्स में रवीश को नज़र आतें हैं आप मुडावल सर
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