Monday 21 October 2013

बस अब बहुत हुआ अब रहने दो
देख लिया अपनोँ का खून पानी होता
देख लिया अपने प्यार को बेवफा होता
देख लिया भाई भाईओँ को जुदा होता
देख लिया रिश्तोँ को पल मेँ बदला हुआ

अब बस कोई मकसद नहीँ इसके सिवा
रिश्तोँ नातोँ के बरबाद होने के सिवा
अपनी आह को दिल मेँ संजोने के सिवा
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