बस अब बहुत हुआ अब रहने दो
देख लिया अपनोँ का खून पानी होता
देख लिया अपने प्यार को बेवफा होता
देख लिया भाई भाईओँ को जुदा होता
देख लिया रिश्तोँ को पल मेँ बदला हुआ
अब बस कोई मकसद नहीँ इसके सिवा
रिश्तोँ नातोँ के बरबाद होने के सिवा
अपनी आह को दिल मेँ संजोने के सिवा
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देख लिया अपनोँ का खून पानी होता
देख लिया अपने प्यार को बेवफा होता
देख लिया भाई भाईओँ को जुदा होता
देख लिया रिश्तोँ को पल मेँ बदला हुआ
अब बस कोई मकसद नहीँ इसके सिवा
रिश्तोँ नातोँ के बरबाद होने के सिवा
अपनी आह को दिल मेँ संजोने के सिवा
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