कुछ तो बात थी उनमेँ
चले तो क्राँति हो गयी
बैठे तो जयकार
बोले तो शान्ति हो गयी
चुप तो हाहाकार
डंडे का लिया सहारा
बंदूक भी भयभीत
सोचा कई बार मैँने
क्या बात थी उनमेँ
चले तो क्राँति हो गयी
बैठे तो जयकार
बोले तो शान्ति हो गयी
चुप तो हाहाकार
डंडे का लिया सहारा
बंदूक भी भयभीत
सोचा कई बार मैँने
क्या बात थी उनमेँ
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