Monday 11 November 2013

तेरी मेरी बात अधूरी हीँ सही

मुलाकात का बहाना तो मिलता है


दरिया तो मिलता सागर मेँ पर बहने का बहाना मिलता है 


तू कब से समायी दिल मेँ तुझे खबर भी नहीँ 


हर धड़कन को जीने का बहाना मिलता है