Thursday 14 November 2013

जिँदगी तुम तो
फिर मौत क्या है
मंजिल तुम तो
फिर सफर क्या है
दर्द तुम तो
फिर दवा क्या है
शायरी तुम तो
फिर ये शायर क्या है

जिँदगी तुम तो
फिर मौत क्या है