आलस बटोरे अंग अंग मे
अँगड़ाई लेती मेरी बाँहोँ मेँ
खिड़की से छुपके झाँकती
चिड़ियोँ के साथ खेलती
ठंडी हवाओँ से जुझती
रात की चादर हटाती
पलकोँ से बातेँ बनाती
गुलाबी होठोँ से चुमती
मेरी सुबह तुम मेरी सुबह
अँगड़ाई लेती मेरी बाँहोँ मेँ
खिड़की से छुपके झाँकती
चिड़ियोँ के साथ खेलती
ठंडी हवाओँ से जुझती
रात की चादर हटाती
पलकोँ से बातेँ बनाती
गुलाबी होठोँ से चुमती
मेरी सुबह तुम मेरी सुबह