निलाम हो गयी पूजा की थाली
राम नाम का अब क्या सोचूँ
घर मेँ दाल बनती नहीँ मंदिर मेँ दान का क्या सोचूँ
बिजली सुबह से आयी नहीँ दिया दिखाना क्या सोचूँ
बच्चोँ को पढा पाते नहीँ
भजनोँ का मैँ क्या सोचूँ
कौन कर रहा ये सब समझ मेँ ना आता है
पाँच साल बीत जाते है आशा मेँ
फिर से रावण मेरे राम की तस्वीर लिए मेरे दरवाजे आता है
राम नाम का अब क्या सोचूँ
घर मेँ दाल बनती नहीँ मंदिर मेँ दान का क्या सोचूँ
बिजली सुबह से आयी नहीँ दिया दिखाना क्या सोचूँ
बच्चोँ को पढा पाते नहीँ
भजनोँ का मैँ क्या सोचूँ
कौन कर रहा ये सब समझ मेँ ना आता है
पाँच साल बीत जाते है आशा मेँ
फिर से रावण मेरे राम की तस्वीर लिए मेरे दरवाजे आता है